अंबाला: पीजी कॉलेज में 7.25 करोड़ का घोटाला उजागर, लैब–फर्नीचर कागजों में खरीद, जमीन पर गायब!
हरियाणा के अंबाला स्थित सरकारी पीजी कॉलेज में करोड़ों रुपये के फर्जी खर्च का बड़ा मामला उजागर हुआ है. कॉलेज में लैब उपकरण, फर्नीचर, ऑडिटोरियम निर्माण, भवन मरम्मत और खेल सामग्री की खरीद के नाम पर 7.25 करोड़ रुपये कागजों पर खर्च दिखाए गए, जबकि अधिकांश सामान कॉलेज में पहुंचा ही नहीं. मामले में पूर्व और वर्तमान प्रिंसिपल सहित 11 लोगों पर केस दर्ज किया गया है.
7.25 करोड़ का हिसाब कागजों में पूरा दिखाया गया है लेकिन कॉलेज में कुछ नहीं मिला. जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि 2021 से 2023 के बीच कॉलेज के विभिन्न विकास कार्यों पर करोड़ों रुपये खर्च दिखाए गए, परंतु वास्तविकता में यह काम अधूरा या बिल्कुल नहीं हुआ था.
लैब उपकरण के नाम पर ₹1.60 करोड़, ऑडिटोरियम के नाम पर ₹1.10 करोड़ इसी तरह फर्नीचर पर ₹0.85 करोड़
खेल सामग्री पर ₹0.70 करोड़ अन्य खर्च ₹1.00 करोड़ दिखाए गए.
लेकिन जांच टीम के कॉलेज पहुँचने पर न लैब में पर्याप्त उपकरण मिले, न फर्नीचर और न ही अन्य सामान. कई कंपनियों से बिना सामान आए ही भुगतान किया गया. फर्जी बिल लगाए गए और पुराने बिलों को दोबारा उपयोग में लिया गया. कई शिक्षकों और कर्मचारियों से दबाव में झूठे प्रमाणपत्र पर हस्ताक्षर करवाए गए कि सामान कॉलेज में आ चुका है.
भवन निर्माण–मरम्मत भी कागजों में पूरा किया गया. जांच में यह भी पाया गया कि कॉलेज के कमरों और भवन मरम्मत कार्य को पूर्ण दिखाकर भुगतान कर दिया गया, जबकि वास्तविक स्थिति में निर्माण अधूरा था।
कुछ स्थानों पर तो काम शुरू भी नहीं हुआ, फिर भी फाइल में पूरा माना गया.
इस परे घोटाले की पोल हाई कोर्ट की दखल के बाद खुली. मामला हाई कोर्ट पहुंचा, तो अदालत ने इसे गंभीर अनियमितता बताते हुए विस्तृत जांच के आदेश दिए. जांच में पूरे घोटाले का खुलासा हुआ और लाखों–करोड़ों के गलत भुगतान सामने आए. इस मामले में पुलिस ने संबंधित 11 अधिकारियों–कर्मचारियों के खिलाफ केस दर्ज किया है.
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