रूस-यूक्रेन युद्ध में फंसे भारतीय युवकों की वापसी की मांग, परिजनों ने जंतर-मंतर पर किया प्रदर्शन!

 

रूस-यूक्रेन युद्ध के बीच फंसे भारतीय युवकों की सुरक्षित वापसी की मांग को लेकर सोमवार को दिल्ली के जंतर-मंतर पर हरियाणा सहित कई राज्यों के परिवारों ने प्रदर्शन किया. परिजनों का कहना है कि उनके बेटे रोजगार और पढ़ाई के बहाने रूस भेजे गए थे, लेकिन बाद में उन्हें जबरन रूसी सेना में भर्ती कर युद्ध में भेज दिया गया.

प्रदर्शन में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, जम्मू-कश्मीर और तेलंगाना के करीब 28 परिवार शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने पोस्टर और बैनर लेकर केंद्र सरकार से गुहार लगाई . परिजनों ने कहा “हमारी सिर्फ एक मांग है, हमारे बच्चों को सुरक्षित भारत लाया जाए.”

हरियाणा के हिसार, फतेहाबाद और करनाल जिलों के कई युवकों के परिजनों ने बताया कि उनके बच्चे नौकरी की तलाश में रूस गए थे. एजेंटों ने उन्हें यह कहकर भेजा था कि उन्हें वहां फैक्टरी या सुरक्षा कंपनी में काम मिलेगा, लेकिन बाद में उन्हें रूसी सेना के फ्रंटलाइन पर तैनात कर दिया.

परिवारों ने आरोप लगाया कि दिल्ली और पंजाब के कुछ ट्रैवल एजेंटों ने युवाओं से लाखों रुपये लेकर उन्हें रूस भेजा था. वहां पहुँचने पर उनके पासपोर्ट जब्त कर लिए गए और उन्हें हथियार थमा दिए गए. कुछ युवकों ने वीडियो भेजकर बताया कि उन्हें न तो खाना मिल रहा है और न ही घर आने की अनुमति.

विदेश मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार रूस में फंसे सभी भारतीय नागरिकों की जानकारी जुटा रही है और रूसी अधिकारियों के साथ राजनयिक स्तर पर बातचीत जारी है. मंत्रालय ने दोहराया है कि भारत सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है और हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं.

प्रदर्शनकारियों ने बताया कि अब तक हरियाणा और पंजाब के दो युवकों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। परिजनों ने कहा कि यह स्थिति और भयावह न हो, इसलिए सरकार को तुरंत कदम उठाना चाहिए.