जींद में किसानों का आईएमटी के खिलाफ प्रदर्शन, सरकार पर जमीन हड़पने का आरोप!

हरियाणा के जींद जिले में शुक्रवार को दर्जनों गांवों के सैकड़ों किसानों ने प्रस्तावित आईएमटी (इंटीग्रेटेड मल्टीमॉडल टाउनशिप) के खिलाफ ज़ोरदार प्रदर्शन किया। किसानों का आरोप है कि सरकार रोजगार देने के नाम पर उनकी उपजाऊ जमीन छीनने की कोशिश कर रही है, जबकि उन्हें कोई लाभ नहीं मिलेगा। प्रदर्शनकारी किसान ट्रैक्टर-ट्रालियों में सवार होकर लघु सचिवालय परिसर पहुंचे, जहां उन्होंने नारेबाजी करते हुए मुख्यमंत्री और राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा।
किसानों का सरकार पर गंभीर आरोप
किसानों ने आरोप लगाया कि भूमि पोर्टल पर बिना सहमति के उनकी जमीनों की जानकारी अपलोड कर दी गई है, जिससे ऐसा दर्शाया जा रहा है कि उन्होंने स्वेच्छा से जमीन देने की अनुमति दे दी है। किसानों ने इसे एक “बड़ा धोखा” बताते हुए जांच की मांग की। किसान नेता सुरेंद्र नंबरदार ने कहा, “आईएमटी के नाम पर सरकार किसानों से उनकी रोटी छीन रही है। यहां न रोजगार मिलेगा, न पुनर्वास। जमीन गई तो किसान और खेत मजदूर दोनों बर्बाद हो जाएंगे।”
धरना स्थल बना रोष का केंद्र
गोहाना रोड स्थित लघु सचिवालय के बाहर किसानों ने घंटों धरना दिया। उन्होंने सरकार पर जनविरोधी नीतियों का आरोप लगाते हुए कहा कि अब तक जिन किसानों की जमीन ली गई है, वो आज बेरोज़गार और बेसहारा हैं। किसानों का कहना है कि इस जमीन से केवल किसान ही नहीं, बल्कि हजारों खेतिहर मजदूर और अन्य ग्रामीण आजीविका चलाते हैं। आईएमटी जैसी परियोजनाओं से न केवल जमीन जाएगी, बल्कि गांवों का सामाजिक ताना-बाना भी टूट जाएगा।
प्रदर्शन के बाद किसानों का प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त मोहम्मद इमरान रज़ा से मिला। डीसी ने किसानों का ज्ञापन स्वीकार करते हुए कहा कि उसे सरकार तक पहुंचाया जाएगा और भूमि पोर्टल पर सहमति अपलोड करने की प्रक्रिया की जांच करवाई जाएगी।
किसानों की मांगे
- प्रस्तावित आईएमटी परियोजना को तत्काल रद्द किया जाए।
- भूमि पोर्टल पर हुई अनियमितताओं की जांच हो।
- भविष्य में कोई भी भूमि अधिग्रहण किसानों की लिखित सहमति के बिना न किया जाए।
- जिन किसानों की जमीन जा चुकी है, उनके लिए पुनर्वास और रोजगार की गारंटी सुनिश्चित की जाए।
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