25 हजार SC/ST/OBC छात्र IIT और केंद्रीय विश्वविद्यालय छोड़ने को मजबूर हुये!

 

SC/ST/OBC यानी अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग अन्य अल्पसंख्यक समूहों के कुल 25,593 छात्रों ने पिछले कुछ समय में केंद्रीय विश्वविद्यालयों और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) से पढ़ाई छोड़ दी है. शिक्षा राज्य मंत्री सुभाष सरकार द्वारा बुधवार को राज्यसभा में पेश किये गए आंकड़ों सामने आया है कि 2019 और 2023 के बीच अब तक केंद्रीय विश्वविद्यालयों से आरक्षित श्रेणी के 17,545 और आईआईटी से 8,139 छात्रों ने पढ़ाई छोड़ दी सदन में पेश जानकारी के मुताबिक ड्रॉपआउट्स में से अधिकतर पीजी और पीएचडी कार्यक्रमों से थे.

जानकारी के अनुसार इन छात्रों द्वारा पढ़ाई छोड़ने के अगल-अगल कारण बताये गए हैं. पीजी और पीएचडी छोड़ने वाले अधिकतर छात्रों ने पीएसयू में प्लेसमेंट के प्रस्ताव और अन्य बेहतर अवसरों के लिए पढ़ाई बीच में छोड़ दी. वहीं स्नातक के दौरान पढ़ाई छोड़ने वाले छात्रों के व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारण रहे. इसके अलावा सरकार द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया कि ड्रॉपआउट को कम करने के लिए विश्वविद्यालयों और आईआईटी द्वारा कई ‘सुधारात्मक उपाय’ शुरू किए गए थे.

वहीं इसके अलावा इन समुदायों से आने वाले छात्रों के ड्रॉपआउट का एक कारण जातिवाद भी रहा है हमारे समाने अनेक ऐसे उदाहरण है जहां दलित छात्रों को प्रताड़ित किया गया जिसके बाद छात्र पढ़ाई छोड़ने से लेकर आत्महत्या करने तक को मजबूर हुए हैं.