क्या देश में भयानक सूखे की आहट अभी से मिलने लगी है?

 

मार्च का महीना अभी खत्म भी नहीं हुआ। अभी भी देश के कई हिस्सों में हल्की सर्दी का अहसास बचा हुआ है। गर्मी अभी आई भी नहीं। लेकिन देश के कई हिस्सों में भयानक सूखे की आहट अभी से मिलने लगी है।

भारत में सूखे की स्थिति पर वास्तविक समय में नजर रखने का काम गांधीनगर का भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान करता है। हाल ही में इसने बताया कि देश का आधा हिस्सा अभी ही सूखे की चपेट में आ गया है। इनमें से 18 फीसदी हिस्से में स्थिति बेहद गंभीर है। संस्थान का कहना है कि इससे गर्मियों में जल संकट का सामना करना पड़ सकता है।

संस्थान का कहना है कि झारखंड, दक्षिणी आंध्र प्रदेश, गुजरात, उत्तरी तमिलनाडु और अरुणाचल प्रदेश के हिस्से सूखे की चपेट में आ गए हैं। इस काम में लगे वैज्ञानिक मान रहे हैं कि जलवायु परिवर्तन का असर धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है और सूखा पड़ने की वजह से भूजल स्तर पर भी काफी बुरा प्रभाव पड़ेगा। इससे अधिक जल के इस्तेमाल से पैदा होने वाली फसलों का उत्पादन मुश्किल हो जाएगा। पंजाब जैसे राज्य में धान की खेती मुश्किल हो जाएगी।

संस्थान ने अभी की सूखे की स्थिति का जो मूल्यांकन किया है, उसमें बताया है कि सूखे से सबसे अधिक परेशानी गरीब लोगों को होगी। इस अध्ययन में लगे विशेषज्ञों का कहना है कि इस स्थिति से निपटने के लिए और भारत के एक बड़े हिस्से को हर साल सूखे की मार से बचाने के लिए यह जरूरी है कि सरकार दीर्घकालिक कदम उठाए। सिर्फ सूखा पड़ने पर पीड़ितों को राहत दे देने भर से काम नहीं चलेगा।

सूखे का प्रमाण नदियों की स्थिति से भी मिल रहा है। कई राज्यों में नदियों का प्रवाह न सिर्फ घटा है बल्कि कई नदियों में तो प्रवाह या तो पूरी तरह खत्म हो गया है या फिर नाम मात्र का बचा है। अगर अभी यह स्थिति है तो फिर जब भयानक गर्मी पड़ेगी तब क्या होगा, इसका अंदाज करके ही भय पैदा होता है।

पर्यावरण के लिए काम करने वाली मुदिता विद्रोही ने ट्विटर पर मध्य प्रदेश और गुजरात से संबंधित कुछ जानकारियां साझा की हैं। इसमें उन्होंने बताया है कि नर्मदा में अधिकांश जगहों पर पानी नहीं है। उनका कहना है कि अधिकांश जगहों पर नदी में एक बूंद भी पानी नहीं है। वे इस पर हैरानी जताते हुए आशंका व्यक्त करती हैं कि अभी यह स्थिति है तो गर्मी में क्या हाल होगा!

इसके अलावा उन्होंने ट्विटर पर अहमदाबाद के पास नर्मदा नदी के बारे में भी जानकारियां भी साझा की हैं। उन्होंने बताया है कि एक तरफ तो अहमदाबाद शहर में नर्मदा में कृत्रिम रूप से जल प्रवाह बनाए रखा गया है लेकिन शहर के बाहर नर्मदा की काफी खराब हालत है। उन्होंने अहमदाबाद के बाहर की नर्मदा की तस्वीरें साझा की हैं जिनमें नदी पूरी तरह से सूखी हुई दिख रही है।

मुदिता विद्रोही ने गुजरात के भावनगर जिले की भी एक तस्वीर साझा की है। इसमें पानी में समाहित रहने वाली जमीन पूरी तरह से सूखी दिख रही है और वहां प्रवासी पक्षी दिख रहे हैं। उन्होंने इन पक्षियों के बारे में कहा है कि पानी नहीं है तो फिर ये पक्षी गर्मियों में कैसे बचे रहेंगे। उन्होंने इस बात पर भी चिंता जताई कि इस सूखे का सामना आम लोग कैसे करेंगे।